किताबें भी , एक दिमाग रखती हैं। जिंदगी के, अनगिनत हिसाब रखती हैं। किताबें भी , एक दिमाग रखती हैं। जिंदगी के, अनगिनत हिसाब रखती हैं।
ऊँचे महलों के बीच छोटी सी झोपड़ी आँगन के कोने मे जलता दिया, ऊँचे महलों के बीच छोटी सी झोपड़ी आँगन के कोने मे जलता दिया,
अपनी बैचैनी कैसे दूर करुं दोस्ती और प्यार में किसे कुर्बान करूं, दोस्ती निभाने का पह अपनी बैचैनी कैसे दूर करुं दोस्ती और प्यार में किसे कुर्बान करूं, दोस्ती नि...
कहने को तो हम लोकतंत्र के सच्चे नागरिक हैं पर विश्वास कितना करते हैं संस्थाओं में, पु कहने को तो हम लोकतंत्र के सच्चे नागरिक हैं पर विश्वास कितना करते हैं संस्थाओं...
अपनी बैचैनी कैसे दूर करुं दोस्ती और प्यार में किसे कुर्बान करूं अपनी बैचैनी कैसे दूर करुं दोस्ती और प्यार में किसे कुर्बान करूं
दिल में शिकायतों का सैलाब लिए घूम रहें हैं दिल में शिकायतों का सैलाब लिए घूम रहें हैं